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आलेख /लेख
क्या गन्ने की फसल का काम? कर रहे किसान आराम-विक्रम दयाल
अमन की शान महाराष्ट्र मुम्बई : जिस फसल को करने में अधिक से अधिक मेंहनत करनी होती है, फायदा रहते हुए भी किसान उसे छोड़ते जा रहे हैं. कम लागत में और आसानी से पैदा होने वाली फसलें किसान अब उगाने में दिलचस्पी दिखाते हैं. जिन ग्रामीण क्षेत्रों की…
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नेता, जो करे पूरण वादा उसके लिए बाजे ढोल नगाड़ा-विक्रम दयाल
अमन की शान : महाराष्ट्र(मुम्बई ) देश में कुछ न कुछ महीनों के अंतराल पर चुनाव की तारीखों का एलान हो ही जाता है. चाहे छोटा हो या बड़ा चुनाव. पक्ष और विपक्ष उस चुनाव को जीतने के लिए नई नई भूमिकायें या यूँ कहें कि योजनायें बनाने लगते हैं. चुनावी…
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न्यायपालिका और हिन्दुत्व की वर्चस्ववादी परियोजना
आलेख : सुभाष गाताडे
भारत में हम कार्यपालिका का, अर्थात उसकी विभिन्न संस्थाओं को प्रभावहीन बनाने या उन्हें सत्ताधारी पार्टियों के मातहत करने की परिघटना को बारीकी से देख रहे हैं, मगर अभी तक न्यायपालिका में आ रहे बदलावों की तरफ हमारी…
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नई नई ट्रेनों की घोषणायें, बढ़ती भीड़ से हुई पस्त योजनायें- विक्रम दयाल
मुंबई अमन की शान : देश में नई नई ट्रेनों की संख्यायें बढ़ रही हैं. मगर यात्रियों की संख्याँ उसी रफतार से बढ़ती ही जारही है. प्रधानमंत्री मोदी जी द्वारा जो भी ट्रेन बढ़ाई जारही हैं या चलाई जारही हैं उसमें AC SLEEPER Reserve डिब्बों की…
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तीन रोज़ा मज़ालिसे फ़ातेमी का आयोजन बतारीख 4,5,6,दिसम्बर-2024 को होगा
जौनपुर नगर क्षेत्र के अंतर्गत स्थित मदरसा जामिया इमामिया नासिरिया अरबी कॉलेज हमाम दरवाजा में हर साल की तरह इस साल भी पैग़म्बर हज़रत मोहम्मद मुस्तफ़ा स.अ.व.आ.व की इकलौती बेटी हज़रत फ़ातेमा ज़हरा स.अ. की शहादत की याद में मज़ालिसे फातेमी का यह…
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मिमिक्री और बॉटल
मिमिक्री और बॉटल
पहले की महामहिम की मिमिक्री,
तब भी घूमी थी जनता की चक्री।
हुआ था उसका भी पुरजोर विरोध,
कल्याण के लिए ही था वह क्रोध।
सोचा कि यह अब संभल जाएंगे,
कल्याण है खुद कल्याण कर पाएंगे।
पहले की महामहिम की मिमिक्री,
तब भी…
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फिलिस्तीन : आज अगर खमोश रहे, तो कल सन्नाटा ही बचेगा चहुँओर
आलेख-बादल सरोज
🔵 इतिहास में इसरायल नाम का देश दुनिया के नक़्शे पर कभी नहीं रहा। यहूदी धर्म के अनुयायी दुनिया भर के देशों में, कहीं थोड़े, कहीं बहुत थोड़े, रहे और रहते रहे। करीब 4000 वर्ष पहले अब्राहम के संदेशे और उनके पोते…
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व्यथाओं को तुम यूं ही बांधे रखना
व्यथाओं को तुम यूं ही बांधे रखना
अपनी व्यथाओं को तुम यूं ही बांधे रखना,
क्योंकि क्रोध सत्यम है इम्तिहान ले रहा है।
कुछ अनसुनी सी बातें भी वह कह रहा है।
इतना आसान नहीं है लाखों को भूला पाना।
यादों के शूल चुभ रहे उनके आने का…
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21अक्टूबर पुलिस स्मृति दिवस विशेष प्रस्तुति
देश और समाज की रक्षा हेतु दिन-रात अपने कर्तव्यों का पालन करने वाले पुलिस के वीर जवानों को पुलिस स्मृति दिवस की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं ! 21 अक्टूबर हमारे देश के अंदर पुलिस स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाता है साथ ही साथ 21…
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राज्यमाता गाय और मांसाहारी सावरकर
आलेख : राम पुनियानी
गाय पिछले तीन दशकों से भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण भावनात्मक मुद्दा बनी हुई है। गाय को एक पवित्र पशु बताया जाता है। कई हिंदुओं के लिए गाय मां का दर्जा रखती है और हिंदू राष्ट्रवादी राजनीति ने समाज के ध्रुवीकरण के…
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